Vedas and Upanishads: सनातन ज्ञान की वैश्विक विरासत है वेद और उपनिषद

Vedas and Upanishads: सनातन ज्ञान की वैश्विक विरासत है वेद और उपनिषद

Vedas and Upanishads: वेद और उपनिषद भारत की आध्यात्मिक धरोहर ही नहीं, बल्कि वैश्विक मानवता के लिए चेतना, ज्ञान और आत्मबोध की अमूल्य विरासत हैं। जानें इनका सार।

नागा साधुओं (Naga Sadhu) के अखाड़े: शौर्य, तपस्या और धर्म रक्षा की अनूठी परम्परा

नागा साधुओं (Naga Sadhu) के अखाड़े: शौर्य, तपस्या और धर्म रक्षा की अनूठी परम्परा

इतिहास में जब भी धर्म संकट में आया, नागा साधुओं (Naga Sadhu) ने अपने अस्त्र-शस्त्र उठाए और धर्म की रक्षा के लिए क्षत्रियों की भाति युद्धक्षेत्र में कूद पड़े। वे धर्म योद्धा हैं, जिन्होंने अपनी तलवार, त्रिशूल और तप से धर्म की जड़ों को सिंचित किया है। औरंगजेब जैसे आक्रांताओं

वैज्ञानिक शोधों में भी प्रमाणित मंत्रों का चमत्कार , जानें लाभ और सही विधि

वैज्ञानिक शोधों में भी प्रमाणित मंत्रों का चमत्कार , जानें लाभ और सही विधि

मंत्र संस्कृत के शब्दों का एक विशेष संयोजन है, जो ध्वनि तरंगों और ऊर्जा के माध्यम से मनुष्य के शरीर और मस्तिष्क पर गहरा प्रभाव डालता है। ये ध्वनियाँ न केवल आध्यात्मिक उन्नति में सहायक हैं, बल्कि वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी इनकी शक्ति को समझा जा सकता है। मंत्रों की उत्पत्ति वैदिक ऋषियों द्वारा की गई थी, जिन्होंने इन्हें ध्यान और तपस्या के माध्यम सेखोज कर समाज को दिया। सनातन के इस पोस्ट में हम मंत्रों के पीछे छिपे विज्ञान, उनके प्रभाव, और सही तरीके से मंत्र जाप करने की विधि को समझेंगे।

कुश Kusha : सनातन धर्म के धार्मिक अनुष्ठानों में कुश (डाब) का पौराणिक महत्व

कुश Kusha

कुश Kusha : “पापाह्वय: ‘कु’ शब्द: स्यात् ‘श’ शब्द: शमनाह्वय: । तूर्णेन पाप शमनं येनैतत्कुश उच्यते ।।”
अर्थात्:- ‘कु’ शब्द समस्त पापों का वाचक है और ‘श’ शब्द सभी प्रकार के दोष पापों का नाशक है ,इसलिए शीघ्र ही पापो का नाश करने के कारण इसे “कुश” कहा गया है। कुश जिसे सामन्य घांस समझा जाता है उसका धार्मिक अनुष्ठानों में बड़ा महत्व है। इसको कुश ,दर्भ अथवा डाब भी कहते हैं।

Aaditya Hridaya Stotra: आदित्यहृदय स्तोत्र से सूर्य के समान तेज और यश की प्राप्ति

Aaditya Hridaya Stotra

Aaditya Hridaya Stotra : सूर्य से पूरी सृष्टि को ऊर्जा और प्रकाश प्राप्त होता है। शास्त्रों के अनुसार सनातन धर्म में सूर्य को देवता के रूप में पूजा जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सूर्य सभी ग्रहों का राजा है। सूर्य को ज्योतिष शास्त्र में पिता, पुत्र, प्रसिद्धि, यश, तेज, आरोग्य, आत्मविश्वास और इच्छाशक्ति का कारक माना जाता है। शास्त्रों के अनुसार जो व्यक्ति सूर्य की नियमित आराधना करता है, उसे सूर्य के समान तेज, यश और समृद्धि की प्राप्ति होती है।

Surya Namaskar: सूर्य नमस्कार से आरोग्य और आध्यात्म की प्राप्ति

Surya Namaskar

Surya Namaskar: सूर्य नमस्कार का शाब्दिक अर्थ सूर्य को नमस्कार या अर्पण करना होता है। सूर्य नमस्कार से संपूर्ण शरीर को आरोग्य , शक्ति और ऊर्जा की प्राप्ति होती है। सूर्य नमस्कार से शरीर की समस्त आंतरिक ग्रंथियों के Harmons (अंतः स्त्राव) की प्रक्रिया का नियमन होता है। सूर्य नमस्कार एक सर्वोत्तम Cardio Vascular व्यायाम भी है।

Yoga : योग से स्वस्थ जीवन और परमात्मा की प्राप्ति

Yoga

योग Yoga – योग एक अध्यात्मिक प्रक्रिया है जिसमें शरीर और आत्मा (ध्यान ) को एकरूप करना ही योग है। एक पूर्ण जीवन शैली है। यह एक पूर्ण विज्ञान एवं अध्यात्म – विद्या हैं। योग व्यक्ति के निर्माण और उत्थान में ही नहीं , बल्कि परिवार , समाज , राष्ट्र और विश्व के चहुंमुखी विकास में भी यह उपयोगी सिद्ध हुआ है। वर्तमान में मानव समाज जिस तनाव , अशांति , अभाव एवं अज्ञान का शिकार है उसका समाधान केवल योग ही है। योग Yoga का हमारे वेदों , पुराणों , उपनिषदों एवम् गीता में अनादि काल से उपयोग होता रहा है।

माँ बगुलामुखी: शत्रुनाश के लिए ब्रह्मास्त्र है बगुलामुखी की साधना

माँ बगुलामुखी: शत्रुनाश के लिए ब्रह्मास्त्र है

माँ बगुलामुखी: पिताम्बरा के नाम विख्यात बगलामुखी की साधना प्रायः शत्रुनाश और वाणी की सिद्धि के लिये की जाती है। माता बगलामुखी दस महाविद्याओं में आठवीं महाविद्या हैं। इन्हें माता पीताम्बरा भी कहते हैं। यह भगवती पार्वती का उग्र स्वरूप है। ये भोग और मोक्ष दोनों प्रदान करने वाली देवी है। शत्रुनाश, वाकसिद्धि, वाद विवाद में विजय के लिए इनकी उपासना की जाती है। शत्रुनाश के लिए ब्रह्मास्त्र है बगुलामुखी की साधना।

गुप्त नवरात्रि : दस महाविद्याओं की साधना से सिद्धियों की प्राप्ति

गुप्त नवरात्रि : दस महाविद्याओं की साधना से सिद्धियों की प्राप्ति

प्रतिवर्ष चार नवरात्रि होती है, दो नवरात्रि – चैत्र और आश्विन माह के शुक्ल पक्ष में होती है और दो नवरात्रि आषाढ़ और माघ महीने की शुक्ल पक्ष में होती है। आषाढ़ और माघ माह की प्रतिपदा में पड़ने वाली नवरात्रि को गुप्त नवरात्रि कहा जाता है। गुप्त नवरात्रि एक विशेष नवरात्रि होती है जिसमें विशेष साधना और पूजा की जाती है। यह मुख्य रूप से तंत्र साधना से जुड़ी होती है। गुप्त नवरात्री में दस महाविद्याओं की पूजा की जाती है।

Holika Dahan 2024 : होली पर करें चमत्कारिक उपाय , दूर होगें संकट

Holika Dahan 2024 : होली पर करें चमत्कारिक उपाय , दूर होगें संकट

। होलिका दहन पर विभिन्न परेशानियों के लिए एक से अधिक विशेष उपाय कर सकते हैं। होली एवं दीवाली ऐसे विशेष अवसर हैं जब हर प्रकार की साधनाएं , तांत्रिक क्रियाएं तथा छोटे-छोटे उपाय भी सार्थक हो जाते हैं। ये सभी उपाय होलिका दहन में किए जाते हैं। आप भी अपनी समस्याओं के अनुसार उपाय करें ।