Aaditya Hridaya Stotra: आदित्यहृदय स्तोत्र से सूर्य के समान तेज और यश की प्राप्ति

Aaditya Hridaya Stotra

Aaditya Hridaya Stotra : सूर्य से पूरी सृष्टि को ऊर्जा और प्रकाश प्राप्त होता है। शास्त्रों के अनुसार सनातन धर्म में सूर्य को देवता के रूप में पूजा जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सूर्य सभी ग्रहों का राजा है। सूर्य को ज्योतिष शास्त्र में पिता, पुत्र, प्रसिद्धि, यश, तेज, आरोग्य, आत्मविश्वास और इच्छाशक्ति का कारक माना जाता है। शास्त्रों के अनुसार जो व्यक्ति सूर्य की नियमित आराधना करता है, उसे सूर्य के समान तेज, यश और समृद्धि की प्राप्ति होती है।

Surya Namaskar: सूर्य नमस्कार से आरोग्य और आध्यात्म की प्राप्ति

Surya Namaskar

Surya Namaskar: सूर्य नमस्कार का शाब्दिक अर्थ सूर्य को नमस्कार या अर्पण करना होता है। सूर्य नमस्कार से संपूर्ण शरीर को आरोग्य , शक्ति और ऊर्जा की प्राप्ति होती है। सूर्य नमस्कार से शरीर की समस्त आंतरिक ग्रंथियों के Harmons (अंतः स्त्राव) की प्रक्रिया का नियमन होता है। सूर्य नमस्कार एक सर्वोत्तम Cardio Vascular व्यायाम भी है।

Yoga : योग से स्वस्थ जीवन और परमात्मा की प्राप्ति

Yoga

योग Yoga – योग एक अध्यात्मिक प्रक्रिया है जिसमें शरीर और आत्मा (ध्यान ) को एकरूप करना ही योग है। एक पूर्ण जीवन शैली है। यह एक पूर्ण विज्ञान एवं अध्यात्म – विद्या हैं। योग व्यक्ति के निर्माण और उत्थान में ही नहीं , बल्कि परिवार , समाज , राष्ट्र और विश्व के चहुंमुखी विकास में भी यह उपयोगी सिद्ध हुआ है। वर्तमान में मानव समाज जिस तनाव , अशांति , अभाव एवं अज्ञान का शिकार है उसका समाधान केवल योग ही है। योग Yoga का हमारे वेदों , पुराणों , उपनिषदों एवम् गीता में अनादि काल से उपयोग होता रहा है।

माँ बगुलामुखी: शत्रुनाश के लिए ब्रह्मास्त्र है बगुलामुखी की साधना

माँ बगुलामुखी: शत्रुनाश के लिए ब्रह्मास्त्र है

माँ बगुलामुखी: पिताम्बरा के नाम विख्यात बगलामुखी की साधना प्रायः शत्रुनाश और वाणी की सिद्धि के लिये की जाती है। माता बगलामुखी दस महाविद्याओं में आठवीं महाविद्या हैं। इन्हें माता पीताम्बरा भी कहते हैं। यह भगवती पार्वती का उग्र स्वरूप है। ये भोग और मोक्ष दोनों प्रदान करने वाली देवी है। शत्रुनाश, वाकसिद्धि, वाद विवाद में विजय के लिए इनकी उपासना की जाती है। शत्रुनाश के लिए ब्रह्मास्त्र है बगुलामुखी की साधना।

गुप्त नवरात्रि : दस महाविद्याओं की साधना से सिद्धियों की प्राप्ति

गुप्त नवरात्रि : दस महाविद्याओं की साधना से सिद्धियों की प्राप्ति

प्रतिवर्ष चार नवरात्रि होती है, दो नवरात्रि – चैत्र और आश्विन माह के शुक्ल पक्ष में होती है और दो नवरात्रि आषाढ़ और माघ महीने की शुक्ल पक्ष में होती है। आषाढ़ और माघ माह की प्रतिपदा में पड़ने वाली नवरात्रि को गुप्त नवरात्रि कहा जाता है। गुप्त नवरात्रि एक विशेष नवरात्रि होती है जिसमें विशेष साधना और पूजा की जाती है। यह मुख्य रूप से तंत्र साधना से जुड़ी होती है। गुप्त नवरात्री में दस महाविद्याओं की पूजा की जाती है।

Holika Dahan 2024 : होली पर करें चमत्कारिक उपाय , दूर होगें संकट

Holika Dahan 2024 : होली पर करें चमत्कारिक उपाय , दूर होगें संकट

। होलिका दहन पर विभिन्न परेशानियों के लिए एक से अधिक विशेष उपाय कर सकते हैं। होली एवं दीवाली ऐसे विशेष अवसर हैं जब हर प्रकार की साधनाएं , तांत्रिक क्रियाएं तथा छोटे-छोटे उपाय भी सार्थक हो जाते हैं। ये सभी उपाय होलिका दहन में किए जाते हैं। आप भी अपनी समस्याओं के अनुसार उपाय करें ।

नागा साधुओं का रहस्य, 12 वर्ष कठोर तप एवं स्वयं का पिंडदान कर बनते है ।

नागा साधुओं के अखाड़े

कुंभ मेले के शाही स्नान में आपने युद्ध कला का प्रदर्शन करते हुए स्नान को जाते नागा साधुओं की हुजूम को अवश्य देखा होगा, लेकिन क्या आप जानते हैं कि ये नागा साधु कौन होते हैं, कैसे बनते हैं, कहां और किस नाम से जाने जाते हैं ? आदिगुरु शंकराचार्य की ओर से स्थापित किए गए विभिन्न अखाड़ों में रहने वाले ऐसे साधु जो नग्न रहते हैं, शरीर पर धुनि की राख लपेटकर रखते हैं, युद्ध कला में पारंगत होते हैं उन्हें नागा साधु कहा जाता है ।

नवरात्रि (Navaratri): शक्ति की उपासना का पर्व

Navaratri

नवरात्रि में देवी की उपासना अत्यन्त फलदायी मानी गई हैं। इस समय का उचित लाभ उठाएं तो यह साधनकाल साधक के आध्यात्मिक विकास में तो सहायक होता ही है, उसके सम्पूर्ण व्यक्तित्व को भी निखारता है।

मंत्रो का चमत्कार (Miracle of Mantras)

वैज्ञानिक शोधों में भी प्रमाणित मंत्रों का चमत्कार , जानें लाभ और सही विधि

शास्त्रों में मंत्र के बारे में कहा गया है कि मन को तारने वाली ध्वनि ही मंत्र है जैसे – श्री, ॐ आदि शब्द होते हुए भी मंत्र है। ये बीज मंत्र है जो अपने अन्दर बहुत कुछ समेटे हुए है।

देवशयनी एकादशी 2024 को बन रहे दुर्लभ संयोग, व्रत और पूजा से मिलेगा मनोवांछित फल

देवशयनी एकादशी 2024

देवशयनी एकादशी 2024 के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग, अमृत सिद्धि योग, शुभ योग और शुक्ल योग बन रहे हैं। ये सभी योग पूजा पाठ और शुभ कार्यों के लिए अच्छे माने जाते हैं।ब्रह्मवैवर्त पुराण के अनुसार देवशयनी एकादशी का व्रत सभी मनोकामनाओं की पूर्ति वाला माना जाता हैं। इस दिन व्रत करने से जाने अनजाने में हुए पापों का नाश होता हैं एवम् मोक्ष की प्राप्ति होती हैं।