शनि की साढ़े साती और ढैय्या: अनहोनी से पहले कर ले ये उपाय, दूर होंगे सभी कष्ट

शनि की साढ़े साती और ढैय्या: अनहोनी से पहले कर ले ये उपाय, दूर होंगे सभी कष्ट

ज्योतिष शास्त्र में शनि देव को न्याय का देवता माना जाता है। शनि की साढ़े साती और ढैय्या का नाम सुनते ही अक्सर लोगों के मन में डर पैदा हो जाता है। ऐसा माना जाता है कि शनि की साढ़े साती और ढैय्या के दौरान व्यक्ति को जीवन में कई तरह की परेशानियों का सामना … Read more

आरती का रहस्य: पूजा के बाद आरती क्यों की जाती है ?

आरती का रहस्य: पूजा के बाद आरती क्यों की जाती है ?

भारतीय सनातन संस्कृति में पूजा-पाठ का एक विशेष स्थान है, और आरती इसका एक अनिवार्य अंग मानी जाती है। आरती केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि ईश्वर की उपासना का एक गहरा प्रतीक है। यह न केवल हमारे भक्तिभाव को प्रकट करती है, बल्कि ईश्वर के प्रति श्रद्धा और समर्पण की भी अभिव्यक्ति होती है। आइए समझते हैं कि पूजा के बाद आरती करने का क्या महत्व है।

होली पर करें ये विशेष उपाय, दूर होंगे सभी संकट

होली पर करें ये विशेष उपाय, दूर होंगे सभी संकट

होली का त्यौहार रंगों, खुशियों और उत्साह का ही पर्व नहीं है, बल्कि यह एक शक्तिशाली आध्यात्मिक अवसर भी है, जब सकारात्मक ऊर्जा अपने चरम पर होती है और नकारात्मकता को दूर करने का श्रेष्ठ समय होता है। यदि आप जीवन में आर्थिक, पारिवारिक, स्वास्थ्य या किसी अन्य प्रकार के संकटों से जूझ रहे हैं, तो आइए, जानते हैं कि होली के अवसर पर किन उपायों को अपनाकर आप अपने जीवन में सुख, समृद्धि और शांति भी प्राप्त कर सकते हैं

Holi 2025: कब मनाया जाएगा होली का पर्व, जानिए डेट और शुभ मुहूर्त

Holi 2025: कब मनाया जाएगा होली का पर्व, जानिए डेट और शुभ मुहूर्त

Holi: होली का त्योहार फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है, होली आध्यात्मिक रूप से अधर्म पर धर्म, असत्य पर सत्य और नकारात्मकता पर सकारात्मकता की विजय का प्रतीक है। यह अहंकार (होलिका) के दहन और भक्ति (प्रह्लाद) की रक्षा का संदेश देती है। रंगों का पर्व जीवन में प्रेम, आनंद और एकता का संचार करता है, जो आत्मा की उच्च चेतना और दिव्यता को दर्शाता है

महाशिवरात्रि का रहस्य: क्यों इस दिन शिव की पूजा है विशेष ?

महाशिवरात्रि का रहस्य: क्यों इस दिन शिव की पूजा है विशेष ?

महाशिवरात्रि आत्मचिंतन, भक्ति और आध्यात्मिक जागरण की रात है। यह शिव-शक्ति के दिव्य मिलन का पर्व है, शिव तत्त्व अनंत, अचल, निर्विकार चेतना का प्रतीक है, और यह रात्रि आत्मसमर्पण द्वारा उस चैतन्य से एकत्व स्थापित करने का अवसर देती है। यह केवल एक पर्व नहीं, बल्कि एक दिव्य संयोग है, जिसमें शिव-तत्त्व की ऊर्जा संपूर्ण ब्रह्मांड में प्रकट होती है।

सनातन धर्म में विज्ञान: प्राचीन ग्रंथों में छिपे वैज्ञानिक तथ्य

सनातन धर्म में विज्ञान: प्राचीन ग्रंथों में छिपे वैज्ञानिक तथ्य

सनातन धर्म, विश्व के सबसे प्राचीन और समृद्ध धर्मों में से एक है। यह केवल एक धर्म नहीं, बल्कि जीवन जीने का एक संपूर्ण दर्शन है। इसकी जड़ें हज़ारों साल पुरानी हैं, और इसके ग्रंथों में न केवल आध्यात्मिक ज्ञान, बल्कि वैज्ञानिक सिद्धांतों का भी विस्तृत वर्णन मिलता है। आज के आधुनिक विज्ञान के सभी सिद्धांत सनातन धर्म के प्राचीन ग्रंथों में पहले से ही मौजूद हैं। आइए जानते है विज्ञान का जनक सनातन धर्म ही है।

वैज्ञानिक शोधों में भी प्रमाणित मंत्रों का चमत्कार , जानें लाभ और सही विधि

वैज्ञानिक शोधों में भी प्रमाणित मंत्रों का चमत्कार , जानें लाभ और सही विधि

मंत्र संस्कृत के शब्दों का एक विशेष संयोजन है, जो ध्वनि तरंगों और ऊर्जा के माध्यम से मनुष्य के शरीर और मस्तिष्क पर गहरा प्रभाव डालता है। ये ध्वनियाँ न केवल आध्यात्मिक उन्नति में सहायक हैं, बल्कि वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी इनकी शक्ति को समझा जा सकता है। मंत्रों की उत्पत्ति वैदिक ऋषियों द्वारा की गई थी, जिन्होंने इन्हें ध्यान और तपस्या के माध्यम सेखोज कर समाज को दिया। सनातन के इस पोस्ट में हम मंत्रों के पीछे छिपे विज्ञान, उनके प्रभाव, और सही तरीके से मंत्र जाप करने की विधि को समझेंगे।

महाशिवरात्रि 2025: भगवान शिव को प्रसन्न करने के 10 सरल उपाय

महाशिवरात्रि 2025: भगवान शिव को प्रसन्न करने के 10 सरल उपाय

महाशिवरात्रि, भगवान शिव का सबसे पवित्र पर्व ही नहीं, बल्कि आत्मा के शिवत्व से मिलन की एक दिव्य रात्रि है। यह दिन भक्तों के लिए आध्यात्मिक ऊर्जा और भक्ति से भरपूर होता है। शिवरात्रि की रात्रि केवल बाह्य रूप से जागरण की नहीं, बल्कि आंतरिक रूप से आत्मजागरण की रात्रि है। यह वह समय है जब हम अपने भीतर बसे शिवतत्त्व को पहचानकर, अपनी चित्तवृत्तियों को शांत कर सकते हैं

मृत्यु का रहस्य और शास्त्रों के अनुसार मृत्यु (Death) आने के पूर्व संकेत

मृत्यु का रहस्य और शास्त्रों के अनुसार मृत्यु(Death) आने के पूर्व संकेत

मृत्यु सृष्टि का अटल सत्य है, जिसे कोई टाल नहीं सकता। यह केवल जीवन का अंत नहीं, बल्कि एक अनिवार्य सत्य, एक यात्रा, या एक परिवर्तन के रूप में देखा जाता है। सनातन धर्म में मृत्यु (Death) को एक नए जीवन का प्रारंभ माना जाता है। इसे भयभीत होने की बजाय स्वीकार करने और आत्मिक उन्नति के लिए एक अवसर के रूप में देखा जाता है।

पुनर्जन्म (Reincarnation) के प्रमाण: क्या वैज्ञानिक शोध भी मानते हैं इसे ?

पुनर्जन्म (Reincarnation) के प्रमाण: क्या वैज्ञानिक शोध भी मानते हैं इसे ?

पुनर्जन्म (Reincarnation): पुनर्जन्म की अवधारणा अनादि काल से सनातन धर्म और अन्य आध्यात्मिक परंपराओं का हिस्सा रही है। पुनर्जन्म अर्थात आत्मा का एक शरीर त्यागकर दूसरे शरीर में प्रवेश करना, भारतीय दर्शन और धर्म का एक महत्वपूर्ण सिद्धांत है। लेकिन क्या विज्ञान भी पुनर्जन्म को मानता है? क्या पुनर्जन्म के कोई प्रमाण हैं? सनातन के पोस्ट में, हम पुनर्जन्म से जुड़े वैज्ञानिक शोध, रोचक तथ्य और इसकी सच्चाई को जानेंगे।