Badrinath Temple : जहां विराजित है स्वयंभू श्री विष्णु जी, जानें रहस्य !

बद्रीनाथ मन्दिर

बद्रीनाथ मन्दिर के कपाट छः माह बन्द रहते हैं तो भी अखण्ड ज्योति नियमित जलती रहती हैं। विष्णुपुराण, स्कन्दपुराण और वराहपुराण आदि सभी ग्रंथों में इसकी महिमा का वर्णन है।

पुष्कर (Pushkar) तीर्थ की अपार महिमा और रहस्य

पुष्कर

सृष्टि के रचयिता ब्रह्मा जी की यज्ञस्थली और ऋषि मुनियों की तपस्थली पुष्कर को तीर्थराज पुष्कर कहा जाता हैं। पुष्कर तीर्थ सब तीर्थों का गुरू कहा जाता हैं। पुष्कर, कुरुक्षेत्र, हरिद्वार,गया और प्रयाग इन पञ्च तीर्थो में पुष्कर को सर्वाधिक पवित्र माना गया है।

सोमनाथ(Somnath) का रहस्य : जहाँ शिवलिंग हवा में तैरता था।

सोमनाथ मन्दिर

सोमनाथ मन्दिर पर तुर्क आक्रांताओं ने 17 बार आक्रमण किए, उसको लुटा और हजारों हिन्दुओं का कत्लेआम किया फिर भी इसका वैभव कम नहीं हुआ। आक्रांता महमूद गजनवी ने सन् 1025 में मन्दिर पर आक्रमण किया। गजनवी ने मन्दिर की सम्पत्ति को लुटा और मन्दिर को नष्ट कर दिया। इस आक्रमण मे करीब 5000 की सेना के साथ गजनवी ने आक्रमण किया जिसमें मन्दिर की रक्षार्थ हजारों हिन्दुओं ने अपना बलीदान दिया। कहते हैं हमले के समय मन्दिर के दर्शनार्थी, पुजारी और आसपास के ग्रामीण हिन्दू निहत्थे थे। इतिहासकारों के अनुसार – राजा भीम और मालवा के राजा भोज ने इस मन्दिर का फिर से निर्माण कराया।

Raksha Bandhan 2024 : श्रावण पूर्णिमा की तारीख, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि।

Raksha Bandhan 2023

रक्षा सूत्र होता तो एक कच्चा धागा लेकिन बंधन अटूट होता है | सबसे मजबूत और शक्तिशाली होता है | बहने अपने भाई से वचन मांगती है अपनी रक्षा का , जिम्मेदारी का और स्नेह का |

रक्षा बंधन(Raksha Bandhan) : भाई-बहन के पवित्र रिश्ते का पौराणिक महत्त्व।

रक्षा बन्धन त्यौहार

रक्षा बंधन(Raksha Bandhan) : रक्षा बन्धन त्यौहार में रक्षा सूत्र होता तो एक कच्चा धागा लेकिन इसका बंधन सबसे मजबूत होता है। रक्षा बन्धन त्यौहार है भाई बहन का, जिसमें बहन अपने भाई से वचन मांगती है अपनी रक्षा का, अपनी जिम्मेदारी का और स्नेह का। और भाई बहन की मुश्किल घड़ी में साथ देता है। बहन भी रक्षा सूत्र बांधते हुए भाई की रक्षा और जीत की कामना करती हैं। रक्षा बन्धन त्यौहार का पौराणिक महत्त्व है। इसे प्रतिवर्ष श्रावण मास की पुर्णिमा को मनाया जाता हैं।

सनातन धर्म – भारतीय संस्कृति एवं हिन्दुत्व का मूल आधार है सनातन

सनातन धर्म

सनातन धर्म – सनातन का अर्थ है शाश्वत या सदा बने रहने वाला अर्थात् जिसका न आदि है और न ही अन्त। धर्म का शाब्दिक अर्थ है धारण करने योग्य। सनातन धर्म