22 जून 2025 को सूर्य आद्रा नक्षत्र में प्रवेश कर रहे हैं, जो हिंदू ज्योतिष में मानसून की शुरुआत का प्रमुख संकेत माना जाता है। इस वर्ष रविवार के दिन सूर्य का आद्रा नक्षत्र में गोचर होने से मानसून के अच्छे योग बन रहे हैं। आइए जानते हैं कि 2025 में मानसून कैसा रहेगा, स्त्री-नपुंसक योग का क्या असर होगा, और कब तक होगी भारी बारिश।
सूर्य का आद्रा नक्षत्र में प्रवेश: मानसून की शुरुआत
ज्योतिषाचार्य पंडित जगदीश जी आमेटा, सेरिया के अनुसार, 22 जून 2025 को सूर्य के आद्रा नक्षत्र में प्रवेश करने से मानसून की सक्रियता बढ़ेगी। आद्रा नक्षत्र को “बारिश का पहला नक्षत्र” माना जाता है, जिसमें प्रवेश के बाद झमाझम वर्षा होती है।
- 22 जून से 6 जुलाई 2025 तक सूर्य आद्रा नक्षत्र में रहेंगे।
- इस दौरान स्त्री-पुरुष योग बन रहा है, जो अच्छी बारिश का संकेत देता है।
- चूंकि 2025 के राजा और मंत्री दोनों सूर्य हैं, इसलिए मानसून अच्छा रहने की संभावना है।
सूर्य के अगले नक्षत्रों में बारिश का अनुमान
1. पुनर्वसु नक्षत्र (6 जुलाई – 20 जुलाई)
- इस दौरान स्त्री-नपुंसक योग बनेगा, जिससे बारिश में कमी आ सकती है।
- हालांकि, जलचर नक्षत्र (पुनर्वसु, अश्लेषा, पुष्य) होने के कारण कुछ स्थानों पर वर्षा जारी रहेगी।
2. पुष्य नक्षत्र (20 जुलाई – 5 अगस्त)
- स्त्री-पुरुष योग बनने से सावन महीने में भारी बारिश होगी।
- इस दौरान नदी-नालों में जलस्तर बढ़ सकता है।
3. अश्लेषा, मघा, उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र (अगस्त-सितंबर)
- इन नक्षत्रों में मानसून अपने चरम पर होगा।
- कुछ क्षेत्रों में बाढ़ की स्थिति भी बन सकती है।
मौसम विज्ञान के अनुसार 2025 का मानसून पूर्वानुमान Weather Forecast
- भारतीय मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, 2025 में सामान्य से अधिक बारिश होने की संभावना है।
- जून के अंत तक देश के अधिकांश हिस्सों में मानसून सक्रिय हो जाएगा।
- जुलाई-अगस्त में मध्य भारत और पश्चिमी घाट में भारी वर्षा की आशंका।
स्त्री-नपुंसक योग का प्रभाव
- स्त्री-पुरुष योग (22 जून – 6 जुलाई): अच्छी बारिश, फसलों के लिए लाभदायक।
- स्त्री-नपुंसक योग (6 जुलाई – 20 जुलाई): वर्षा में कमी, कुछ क्षेत्रों में सूखे जैसे हालात।
- 20 जुलाई के बाद: फिर से मानसून सक्रिय होगा और सावन में मूसलाधार बारिश होगी।
निष्कर्ष: 2025 में कैसा रहेगा मानसून?
- जून के अंत से अच्छी बारिश शुरू होगी।
- जुलाई के पहले पखवाड़े में कमजोर मानसून रहेगा।
- सावन (जुलाई-अगस्त) में भारी वर्षा, खरीफ फसलों के लिए अच्छा संकेत।
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