नागा साधुओं का रहस्य, 12 वर्ष कठोर तप एवं स्वयं का पिंडदान कर बनते है ।
कुंभ मेले के शाही स्नान में आपने युद्ध कला का प्रदर्शन करते हुए स्नान को जाते नागा साधुओं की हुजूम को अवश्य देखा होगा, लेकिन क्या आप जानते हैं कि ये नागा साधु कौन होते हैं, कैसे बनते हैं, कहां और किस नाम से जाने जाते हैं ? आदिगुरु शंकराचार्य की ओर से स्थापित किए गए विभिन्न अखाड़ों में रहने वाले ऐसे साधु जो नग्न रहते हैं, शरीर पर धुनि की राख लपेटकर रखते हैं, युद्ध कला में पारंगत होते हैं उन्हें नागा साधु कहा जाता है ।