तीर्थ-स्थान
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Rameshwaram Jyotirling : प्रभु श्री राम द्वारा स्थापित चमत्कारिक रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग
Rameshwaram Jyotirling : शिव पुराण और स्कन्द पुराण के अनुसार यहाँ स्थापित रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग की स्थापना स्वयं प्रभु श्री राम ( Shri Ram ) ने की थी। रावण से युद्ध के लिए लंका की चढ़ाई करने से पूर्व भगवान राम ने इस स्थान पर प्रभु श्री राम ने समुद्र की बालू से शिवलिंग बनाकर भगवान शिव की पूजा-अर्चना की थी। रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग भारत के प्रमुख चार धामों में से एक दक्षिण का धाम है। रामेश्वरम में स्थापित शिवलिंग की गिनती द्वादश ज्योतिर्लिंगों में होती है। जिस प्रकार भारत के उत्तरी भाग में काशी का महत्व है उतना ही महत्व भारत के दक्षिण में रामेश्वरम है। सनातन के इस आर्टिकल में जानें द्वादश ज्योतिर्लिंगों में शामिल इस 11वें रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग की महिमा के बारे में –
सोमनाथ(Somnath) का रहस्य : जहाँ शिवलिंग हवा में तैरता था।
सोमनाथ मन्दिर पर तुर्क आक्रांताओं ने 17 बार आक्रमण किए, उसको लुटा और हजारों हिन्दुओं का कत्लेआम किया फिर भी इसका वैभव कम नहीं हुआ। आक्रांता महमूद गजनवी ने सन् 1025 में मन्दिर पर आक्रमण किया। गजनवी ने मन्दिर की सम्पत्ति को लुटा और मन्दिर को नष्ट कर दिया। इस आक्रमण मे करीब 5000 की सेना के साथ गजनवी ने आक्रमण किया जिसमें मन्दिर की रक्षार्थ हजारों हिन्दुओं ने अपना बलीदान दिया। कहते हैं हमले के समय मन्दिर के दर्शनार्थी, पुजारी और आसपास के ग्रामीण हिन्दू निहत्थे थे। इतिहासकारों के अनुसार – राजा भीम और मालवा के राजा भोज ने इस मन्दिर का फिर से निर्माण कराया।