एकादश रुद्रावतार: भगवान शिव के 11 रहस्यमय रूप | महिमा, शक्ति और रहस्य

एकादश रुद्रावतार: भगवान शिव के 11 रहस्यमय रूप | महिमा, शक्ति और रहस्य

जानिए भगवान शिव के एकादश रुद्रावतार के नाम, महिमा, शक्ति और गूढ़ रहस्य। वेद, उपनिषद, पुराण और विज्ञान के प्रमाण सहित एक सम्पूर्ण आध्यात्मिक लेख।

सावन में रुद्राभिषेक करने की सरल विधि और मंत्र | Rudrabhishek Puja in Sawan

सावन में रुद्राभिषेक करने की सरल विधि और मंत्र | Rudrabhishek Puja in Sawan

जानें सावन माह में रुद्राभिषेक (Rudrabhishek) कैसे करें? पूजा की सरल विधि, मंत्र, फायदे और वैज्ञानिक महत्व।

चक्र और कुंडलिनी: शरीर की ऊर्जा प्रणाली का रहस्य !

चक्र और कुंडलिनी: शरीर की ऊर्जा प्रणाली का रहस्य !

कुंडलिनी शक्ति और 7 चक्रों का रहस्य जानें। वेद, उपनिषद, आधुनिक विज्ञान और साधना विधियों के साथ समझें कि कैसे जागृत करें इस दिव्य ऊर्जा को।

क्यों चढ़ाया जाता है शिवलिंग पर जल ? वैज्ञानिक और आध्यात्मिक कारण

क्यों चढ़ाया जाता है शिवलिंग पर जल ? वैज्ञानिक और आध्यात्मिक कारण

शिवलिंग पर जल क्यों चढ़ाया जाता है? जानिए इसके पीछे छिपे गहरे आध्यात्मिक और वैज्ञानिक रहस्य जो आपके मन, शरीर और आत्मा को प्रभावित करते हैं।

नागा साधुओं (Naga Sadhu) के अखाड़े: शौर्य, तपस्या और धर्म रक्षा की अनूठी परम्परा

नागा साधुओं (Naga Sadhu) के अखाड़े: शौर्य, तपस्या और धर्म रक्षा की अनूठी परम्परा

इतिहास में जब भी धर्म संकट में आया, नागा साधुओं (Naga Sadhu) ने अपने अस्त्र-शस्त्र उठाए और धर्म की रक्षा के लिए क्षत्रियों की भाति युद्धक्षेत्र में कूद पड़े। वे धर्म योद्धा हैं, जिन्होंने अपनी तलवार, त्रिशूल और तप से धर्म की जड़ों को सिंचित किया है। औरंगजेब जैसे आक्रांताओं

वैज्ञानिक शोधों में भी प्रमाणित मंत्रों का चमत्कार , जानें लाभ और सही विधि

वैज्ञानिक शोधों में भी प्रमाणित मंत्रों का चमत्कार , जानें लाभ और सही विधि

मंत्र संस्कृत के शब्दों का एक विशेष संयोजन है, जो ध्वनि तरंगों और ऊर्जा के माध्यम से मनुष्य के शरीर और मस्तिष्क पर गहरा प्रभाव डालता है। ये ध्वनियाँ न केवल आध्यात्मिक उन्नति में सहायक हैं, बल्कि वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी इनकी शक्ति को समझा जा सकता है। मंत्रों की उत्पत्ति वैदिक ऋषियों द्वारा की गई थी, जिन्होंने इन्हें ध्यान और तपस्या के माध्यम सेखोज कर समाज को दिया। सनातन के इस पोस्ट में हम मंत्रों के पीछे छिपे विज्ञान, उनके प्रभाव, और सही तरीके से मंत्र जाप करने की विधि को समझेंगे।

कुश Kusha : सनातन धर्म के धार्मिक अनुष्ठानों में कुश (डाब) का पौराणिक महत्व

कुश Kusha

कुश Kusha : “पापाह्वय: ‘कु’ शब्द: स्यात् ‘श’ शब्द: शमनाह्वय: । तूर्णेन पाप शमनं येनैतत्कुश उच्यते ।।”
अर्थात्:- ‘कु’ शब्द समस्त पापों का वाचक है और ‘श’ शब्द सभी प्रकार के दोष पापों का नाशक है ,इसलिए शीघ्र ही पापो का नाश करने के कारण इसे “कुश” कहा गया है। कुश जिसे सामन्य घांस समझा जाता है उसका धार्मिक अनुष्ठानों में बड़ा महत्व है। इसको कुश ,दर्भ अथवा डाब भी कहते हैं।

Aaditya Hridaya Stotra: आदित्यहृदय स्तोत्र से सूर्य के समान तेज और यश की प्राप्ति

Aaditya Hridaya Stotra

Aaditya Hridaya Stotra : सूर्य से पूरी सृष्टि को ऊर्जा और प्रकाश प्राप्त होता है। शास्त्रों के अनुसार सनातन धर्म में सूर्य को देवता के रूप में पूजा जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सूर्य सभी ग्रहों का राजा है। सूर्य को ज्योतिष शास्त्र में पिता, पुत्र, प्रसिद्धि, यश, तेज, आरोग्य, आत्मविश्वास और इच्छाशक्ति का कारक माना जाता है। शास्त्रों के अनुसार जो व्यक्ति सूर्य की नियमित आराधना करता है, उसे सूर्य के समान तेज, यश और समृद्धि की प्राप्ति होती है।

माँ बगुलामुखी: शत्रुनाश के लिए ब्रह्मास्त्र है बगुलामुखी की साधना

माँ बगुलामुखी: शत्रुनाश के लिए ब्रह्मास्त्र है

माँ बगुलामुखी: पिताम्बरा के नाम विख्यात बगलामुखी की साधना प्रायः शत्रुनाश और वाणी की सिद्धि के लिये की जाती है। माता बगलामुखी दस महाविद्याओं में आठवीं महाविद्या हैं। इन्हें माता पीताम्बरा भी कहते हैं। यह भगवती पार्वती का उग्र स्वरूप है। ये भोग और मोक्ष दोनों प्रदान करने वाली देवी है। शत्रुनाश, वाकसिद्धि, वाद विवाद में विजय के लिए इनकी उपासना की जाती है। शत्रुनाश के लिए ब्रह्मास्त्र है बगुलामुखी की साधना।

गुप्त नवरात्रि : दस महाविद्याओं की साधना से सिद्धियों की प्राप्ति

गुप्त नवरात्रि : दस महाविद्याओं की साधना से सिद्धियों की प्राप्ति

प्रतिवर्ष चार नवरात्रि होती है, दो नवरात्रि – चैत्र और आश्विन माह के शुक्ल पक्ष में होती है और दो नवरात्रि आषाढ़ और माघ महीने की शुक्ल पक्ष में होती है। आषाढ़ और माघ माह की प्रतिपदा में पड़ने वाली नवरात्रि को गुप्त नवरात्रि कहा जाता है। गुप्त नवरात्रि एक विशेष नवरात्रि होती है जिसमें विशेष साधना और पूजा की जाती है। यह मुख्य रूप से तंत्र साधना से जुड़ी होती है। गुप्त नवरात्री में दस महाविद्याओं की पूजा की जाती है।