हरियाली तीज : मनचाहे वर और अखंड सौभाग्य की प्राप्ति

हरियाली तीज प्रति वर्ष श्रावण माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरियाली तीज का पर्व मनाया जाता है। इस व्रत को विवाहित महिलाएं और कुंवारी लड़कियां, दोनों करती हैं। शास्त्रों के अनुसार, हरियाली तीज व्रत को करने से विवाहित महिलाओं का जीवन खुशियों से भर जाता है और पति को लंबी आयु का आशीर्वाद प्राप्त होता है। वहीं, कुंवारी लड़कियों की शीघ्र शादी के योग बनते हैं।

हरियाली तीज को कजली तीज भी कहते है। सुहागिनों के लिए इस व्रत का बहुत महत्त्व है। आस्था, प्रेम, उमंग, और सौंदर्य का यह पर्व  शिव-पार्वती के पुनर्मिलन के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। चारों ओर हरियाली होने के कारण इसे हरियाली तीज कहते हैं। इस अवसर पर महिलाएं झूला झूलती हैं, हाथों में मेंहदी लगा पूरा शृंगार कर लोकगीतो को गाती हैं।

पंचांग के अनुसार इस बार हरियाली तीज व्रत 07 अगस्त को है। यह पर्व माता पार्वती को समर्पित है। तीज पर भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा-अर्चना करने का विधान है। साथ ही अखंड सौभाग्य की प्राप्ति के लिए व्रत भी किया जाता है।

क्यों मनाते हैं हरियाली तीज

हरियाली तीज का त्योहार श्रावण माह में शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि पर मनाया जाता है। पौराणिक कथा के अनुसार, माता पार्वती ने देवाधिदेव महादेव को अपने पति के रूप में पाने के लिए लंबे समय तक कठिन तपस्‍या की थी। उनकी तपस्या से शिव सावन माह के शुक्‍ल पक्ष की तृतीया तिथि को प्रसन्न हुए थे। इस शुभ दिन पर कुंवारी लड़कियां इच्छित वर की प्राप्ति के लिए व्रत करती हैं और विवाहित महिलाएं सुख-सौभाग्य में वृद्धि के लिए महादेव की पूजा-अर्चना करती हैं। इसलिए हरियाली तीज का त्योहार मनाया जाता है।

इस अवसर पर जो सुहागिन महिलाएं सोलह शृंगार कर शिव -पार्वती की पूजा करती हैं उनका सुहाग अखंड बना रहता है।[5]। साथ ही देवी पार्वती के कहने पर शिव ने आशीर्वाद दिया कि जो भी कुंवारी कन्या इस व्रत को करेगी और शिव पार्वती की पूजा करेगी उनके विवाह में आने वाली बाधाएं दूर होंगी साथ ही योग्य वर की प्राप्ति होगी। सुहागन महिलाओं को इस व्रत से सौभाग्य की प्राप्ति होगी और लंबे समय तक पति का सुख प्राप्त करेगी। इसलिए सुहागन और कुंवारी दोनों ही इस व्रत को करती हैं।

हरियाली तीज 2024 और शुभ मुहूर्त

पंचांग के अनुसार, श्रावण माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि का प्रारंभ 06 अगस्त को रात 07 बजकर 52 मिनट पर होगा । वहीं, इसका समापन अगले दिन यानी 07 अगस्त को रात 10 बजकर 05 मिनट पर होगा। अतः उदया तिथि के अनुसार 07 अगस्त को हरियाली तीज मनाई जाएगी।

हरियाली तीज के मंत्र

  • ऊँ उमामहेश्वराभ्यां नमः
  • ऊँ पार्वत्यै नमः
  • ऊँ गौरये नमः

कुवारी कन्याओं के लिए मंत्र

हे गौरी शंकरार्धांगी। यथा त्वं शंकर प्रिया। तथा मां कुरु कल्याणी, कान्त कान्तां सुदुर्लभाम्।।

अनजाने भय से सुरक्षा के लिए देवी कवच का पाठ भी कर सकती है।

अस्वीकरण: इस लेख में दी गई जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से ली गई हैं।

इसे भी जानें –

1 thought on “हरियाली तीज : मनचाहे वर और अखंड सौभाग्य की प्राप्ति”

Leave a comment