श्राद्ध पक्ष : कैसे करें पूर्वजों को तृप्त और पितृ दोष से पाएं मुक्ति

श्राद्ध पक्ष

सनातन धर्म में पितरों को विशेष महत्व दिया गया है। शास्त्रों के अनुसार बिना पितरों की कृपा के व्यक्ति का उद्धार संभव नहीं है। पितरों को प्रसन्न करने और उनकी आत्मा की शांति के लिए पितृ पक्ष में उनके श्राद्ध व तर्पण करने की परंपरा है। 16 दिन तक चलने वाले श्राद्ध पक्ष का समापन पितृ अमावस्या के दिन किया जाता है।

कुश Kusha : सनातन धर्म के धार्मिक अनुष्ठानों में कुश (डाब) का पौराणिक महत्व

कुश Kusha

कुश Kusha : “पापाह्वय: ‘कु’ शब्द: स्यात् ‘श’ शब्द: शमनाह्वय: । तूर्णेन पाप शमनं येनैतत्कुश उच्यते ।।”
अर्थात्:- ‘कु’ शब्द समस्त पापों का वाचक है और ‘श’ शब्द सभी प्रकार के दोष पापों का नाशक है ,इसलिए शीघ्र ही पापो का नाश करने के कारण इसे “कुश” कहा गया है। कुश जिसे सामन्य घांस समझा जाता है उसका धार्मिक अनुष्ठानों में बड़ा महत्व है। इसको कुश ,दर्भ अथवा डाब भी कहते हैं।

Ganesh Chaturthi 2024 : गणेश चतुर्थी पर इन उपायों से दूर होंगी सभी विघ्न-बाधाएं

Ganesh Chaturthi

Ganesh Chaturthi : सनातन संस्कृति में प्रतिवर्ष भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को गणेश चतुर्थी का पावन पर्व मनाया जाता हैं। हमारे शास्त्रों के अनुसार इसी दिन रिद्धि सिद्धि के दाता, विध्नहर्ता भगवान श्री गणेश जी का जन्म हुआ था। प्रत्येक शुभ और मांगलिक कार्यों में सर्वप्रथम गणेश जी को पूजा जाता हैं। गणेश जी को प्रथम पूज्य देव कहा गया है। श्री गणेश जी सुख समृद्धि दाता भी है। इनकी कृपा से परिवार पर आने वाले संकट और विध्न दूर हो जाते हैं। 

Vastu Tips : घर में सही दिशा में लगाएँ हनुमान जी की तस्वीर

घर में सही दिशा में लगाएँ हनुमान जी की तस्वीर

सनातन धर्म में वास्तु शास्त्र का अपना महत्व है। वास्तु शास्त्र में घर में देवी-देवताओं की तस्वीर लगाने के बारे में बताया गया है। मान्यता है कि घर में सही जगह पर हनुमान जी की तस्वीर लगाने से सकारात्मक ऊर्जा का वास होता है और परिवार के सस्दयों पर बजरंगबली की कृपा बनी रहती है। ऐसे में आइए जानते हैं कि घर की किस स्थान पर हनुमान जी की तस्वीर लगानी चाहिए ?

Aaditya Hridaya Stotra: आदित्यहृदय स्तोत्र से सूर्य के समान तेज और यश की प्राप्ति

Aaditya Hridaya Stotra

Aaditya Hridaya Stotra : सूर्य से पूरी सृष्टि को ऊर्जा और प्रकाश प्राप्त होता है। शास्त्रों के अनुसार सनातन धर्म में सूर्य को देवता के रूप में पूजा जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सूर्य सभी ग्रहों का राजा है। सूर्य को ज्योतिष शास्त्र में पिता, पुत्र, प्रसिद्धि, यश, तेज, आरोग्य, आत्मविश्वास और इच्छाशक्ति का कारक माना जाता है। शास्त्रों के अनुसार जो व्यक्ति सूर्य की नियमित आराधना करता है, उसे सूर्य के समान तेज, यश और समृद्धि की प्राप्ति होती है।

Surya Namaskar: सूर्य नमस्कार से आरोग्य और आध्यात्म की प्राप्ति

Surya Namaskar

Surya Namaskar: सूर्य नमस्कार का शाब्दिक अर्थ सूर्य को नमस्कार या अर्पण करना होता है। सूर्य नमस्कार से संपूर्ण शरीर को आरोग्य , शक्ति और ऊर्जा की प्राप्ति होती है। सूर्य नमस्कार से शरीर की समस्त आंतरिक ग्रंथियों के Harmons (अंतः स्त्राव) की प्रक्रिया का नियमन होता है। सूर्य नमस्कार एक सर्वोत्तम Cardio Vascular व्यायाम भी है।

हलाल प्रॉडक्ट : कहीं जानें-अनजानें में आप तो नहीं खा रहें है हलाल प्रॉडक्ट !

हलाल प्रॉडक्ट

हलाल प्रॉडक्ट : अब वो दवाईयों से लेकर सौंदर्य उत्पाद जैसे शैम्पू, और लिपस्टिक,अस्पतालों से लेकर फाइव स्टार होटल तक , रियल एस्टेट से लेकर हलाल टूरिज्म और तो और हलाल डेटिंग, यहाँ तक की शाकाहारी प्रॉडक्ट बेसन, आटा, मैदा जैसे शाकाहारी उत्पादों तक के हलाल सर्टिफिकेशन पर पहुँच गई है। हद तो तब हो गई जब आयुर्वेदिक औषधियों तक के लिए भी हलाल सर्टिफिकेट !

हरियाली तीज : मनचाहे वर और अखंड सौभाग्य की प्राप्ति

हरियाली तीज

हरियाली तीज : प्रति वर्ष श्रावण माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरियाली तीज का पर्व मनाया जाता है। इस व्रत को विवाहित महिलाएं और कुंवारी लड़कियां, दोनों करती हैं। शास्त्रों के अनुसार, हरियाली तीज व्रत को करने से विवाहित महिलाओं का जीवन खुशियों से भर जाता है और पति को लंबी आयु का आशीर्वाद प्राप्त होता है। वहीं, कुंवारी लड़कियों की शीघ्र शादी के योग बनते हैं।

Amavasya : अमावस्या भी खास है सनातन में साधना के लिए

Amavasya : अमावस्या भी खास है सनातन धर्म में

अमावस्या का दिन हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है। इसे “अमावस” भी कहा जाता है इस दिन विशेष पूजा और अनुष्ठान करने से पितरों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की जाती है अमावस्या का दिन ध्यान, साधना और पितरों की आत्मा की शांति के लिए समर्पित होता है। इस दिन की गई पूजा और अनुष्ठान से व्यक्ति को पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है।

हरियाली अमावस्या 2024 : धार्मिक महत्त्व

हरियाली अमावस्या

सनातन धर्म में हरियाली अमावस्या का बहुत महत्व है। हरियाली अमावस्या श्रावण माह के कृष्ण पक्ष में आती है। हरियाली अमावस्या का मुख्य उद्देश्य भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करना है, हरियाली अमावस्या को विशेष रूप से नवग्रह को अनुकूल करने के महत्व के लिए जाना जाता है। हरियाली अमावस्या का धार्मिक महत्व अनेक पुराणों और शास्त्रों में वर्णित है। यह दिन भगवान शिव और माता पार्वती की आराधना का श्रेष्ठ समय माना जाता है।