Amavasya : अमावस्या भी खास है सनातन में साधना के लिए

Amavasya : अमावस्या भी खास है सनातन धर्म में

अमावस्या का दिन हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है। इसे “अमावस” भी कहा जाता है इस दिन विशेष पूजा और अनुष्ठान करने से पितरों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की जाती है अमावस्या का दिन ध्यान, साधना और पितरों की आत्मा की शांति के लिए समर्पित होता है। इस दिन की गई पूजा और अनुष्ठान से व्यक्ति को पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है।

हरियाली अमावस्या 2024 : धार्मिक महत्त्व

हरियाली अमावस्या

सनातन धर्म में हरियाली अमावस्या का बहुत महत्व है। हरियाली अमावस्या श्रावण माह के कृष्ण पक्ष में आती है। हरियाली अमावस्या का मुख्य उद्देश्य भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करना है, हरियाली अमावस्या को विशेष रूप से नवग्रह को अनुकूल करने के महत्व के लिए जाना जाता है। हरियाली अमावस्या का धार्मिक महत्व अनेक पुराणों और शास्त्रों में वर्णित है। यह दिन भगवान शिव और माता पार्वती की आराधना का श्रेष्ठ समय माना जाता है।

गणगौर Gangaur – इच्छित वर और उसकी दीर्घायु का त्यौहार

गणगौर Gangaur

गणगौर Gangaur – गण (शिव) और गौरी (पार्वती) से मिलकर बना गणगौर। गणगौर Gangaur इच्छित वर और उसकी दीर्घायु का त्यौहार है। गणगौर के रुप में गौरी पूजन एक अनूठा अनुष्ठान है जो कुंवारी और विवाहिताएं समान रूप से मनाती हैं।

Shardiya (Aashvin) Navaratri 2023: घट स्थापना, दुर्गाष्टमी, विजिया दशमी का शुभ मुहूर्त

Shardiya (Aashwin) Navratri 2023 Shubh Muhurt

दुर्गा सप्तशती के अनुसार जो मनुष्य नवरात्रि व्रत की उपासना करता है उसे यश एवं विद्या की प्राप्ति के साथ साथ उत्तम सन्तान एवं ऐश्वर्य प्राप्त करता है। वह सर्वत्र पूजनीय होता है और शत्रुओं पर विजय प्राप्त करता है।

गुरू पूर्णिमा 2024: गुरु की कृपा से जीवन में सफलता निश्चित

गुरू पूर्णिमा का महत्त्व

सनातन संस्कृति में गुरु पूर्णिमा का विशेष महत्व है। इस पूर्णिमा पर भगवान शिव ने दक्षिणामूर्ति का रूप धारण कर ब्रह्माजी के चार मानस पुत्रों को वेदों का ज्ञान प्रदान किया। इसी दिन महाभारत के रचयिता महर्षि वेदव्यास जी का जन्म हुआ।

गणेश चतुर्थी 2023: महत्त्व, व्रत, पूजन विधि एवं मंत्र

गणेश चतुर्थी

गणेश चतुर्थी के पर्व का आध्यात्मिक एवं धार्मिक महत्त्व है। भगवान श्री गणेश जी को विघ्नहर्ता एवम् रिद्धि सिद्धि का दाता कहा जाता हैं।

Raksha Bandhan 2024 : श्रावण पूर्णिमा की तारीख, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि।

Raksha Bandhan 2023

रक्षा सूत्र होता तो एक कच्चा धागा लेकिन बंधन अटूट होता है | सबसे मजबूत और शक्तिशाली होता है | बहने अपने भाई से वचन मांगती है अपनी रक्षा का , जिम्मेदारी का और स्नेह का |

रक्षा बंधन(Raksha Bandhan) : भाई-बहन के पवित्र रिश्ते का पौराणिक महत्त्व।

रक्षा बन्धन त्यौहार

रक्षा बंधन(Raksha Bandhan) : रक्षा बन्धन त्यौहार में रक्षा सूत्र होता तो एक कच्चा धागा लेकिन इसका बंधन सबसे मजबूत होता है। रक्षा बन्धन त्यौहार है भाई बहन का, जिसमें बहन अपने भाई से वचन मांगती है अपनी रक्षा का, अपनी जिम्मेदारी का और स्नेह का। और भाई बहन की मुश्किल घड़ी में साथ देता है। बहन भी रक्षा सूत्र बांधते हुए भाई की रक्षा और जीत की कामना करती हैं। रक्षा बन्धन त्यौहार का पौराणिक महत्त्व है। इसे प्रतिवर्ष श्रावण मास की पुर्णिमा को मनाया जाता हैं।