धनु राशि में बनेगा बुध और शुक्र का संंयोग, मेष , धनु और कुम्भ राशियों की चमकेगी किस्मत

धनु राशि में बनेगा बुध और शुक्र का संंयोग

Mercury And Venus Conjunction In 2024 : ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ग्रहों का समय- समय पर अपने मित्र और शत्रु ग्रह के साथ संयोग बनता है । जिसका प्रभाव मावन जीवन और प्राणी मात्र पर देखने को मिलता है। ज्योतिषशास्त्र में बुध ग्रह को वाणी , बुद्धि , सौन्दर्य , व्यापार , एकाग्रता और त्वचा का कारक माना गया है , वही शुक्र ग्रह को धन , सुख , संपत्ति , ,वैभव और ऐश्वर्य का कारक ग्रह माना गया है ।ज्योतिषशास्त्र के अनुसार 7 जनवरी को ग्रहों के राजकुमार बुध धनु ऱाशि में प्रवेश करेंगे और वहीं 18 जनवरी को धन के दाता शुक्र ग्रह धनु राशि में संचरण करेंगे। मेष , धनु और कुम्भ राशियों की चमकेगी किस्मत , जिनको इस समय आकस्मिक धनलाभ और करियर में तरक्की के योग बन रहे हैं।

नागा साधुओं का रहस्य, 12 वर्ष कठोर तप एवं स्वयं का पिंडदान कर बनते है ।

नागा साधुओं का रहस्य

कुंभ मेले के शाही स्नान में आपने युद्ध कला का प्रदर्शन करते हुए स्नान को जाते नागा साधुओं की हुजूम को अवश्य देखा होगा, लेकिन क्या आप जानते हैं कि ये नागा साधु कौन होते हैं, कैसे बनते हैं, कहां और किस नाम से जाने जाते हैं ? आदिगुरु शंकराचार्य की ओर से स्थापित किए गए विभिन्न अखाड़ों में रहने वाले ऐसे साधु जो नग्न रहते हैं, शरीर पर धुनि की राख लपेटकर रखते हैं, युद्ध कला में पारंगत होते हैं उन्हें नागा साधु कहा जाता है ।

हरिद्वार : अध्यात्मिक महत्त्व एवं लाभ

हरिद्वार Haridwar

हरिद्वार Haridwar – वो पुण्यभूमि है जिसे हरि का द्वार कहा जाता है। राजा भागीरथ ने पतित पावनी पुण्य सलिला मां गंगा को भगवान शिव और विष्णु के द्वारा धरती पर अवतरित करवाया। गंगा की अविरल धारा न केवल तन

विक्रम संवत् की प्रमाणिकता एवं सटीक गणना विज्ञान से भी आगे

विक्रम संवत् की वैज्ञानिकता

चक्रवर्ती सम्राट विक्रमादित्य के नाम से हमारा राष्ट्रीय सम्वत विक्रम संवत् कहलाता है। विक्रमादित्य द्वारा प्रवर्तित विक्रम संवत् न केवल वैज्ञानिक है बल्कि हमारे सभी धार्मिक अनुष्ठान, तीज त्यौहार भी इसी के अनुसार मनाए जाते हैं। सूर्यग्रहण एवम् चंद्रग्रहण की प्रामाणिक जानकारी भी……..

गणगौर Gangaur – इच्छित वर और उसकी दीर्घायु का त्यौहार

गणगौर Gangaur

गणगौर Gangaur – गण (शिव) और गौरी (पार्वती) से मिलकर बना गणगौर। गणगौर Gangaur इच्छित वर और उसकी दीर्घायु का त्यौहार है। गणगौर के रुप में गौरी पूजन एक अनूठा अनुष्ठान है जो कुंवारी और विवाहिताएं समान रूप से मनाती हैं।

नवरात्रि (Navaratri): शक्ति की उपासना का पर्व

Navaratri

नवरात्रि में देवी की उपासना अत्यन्त फलदायी मानी गई हैं। इस समय का उचित लाभ उठाएं तो यह साधनकाल साधक के आध्यात्मिक विकास में तो सहायक होता ही है, उसके सम्पूर्ण व्यक्तित्व को भी निखारता है।

मंत्रो का चमत्कार (Miracle of Mantras)

वैज्ञानिक शोधों में भी प्रमाणित मंत्रों का चमत्कार , जानें लाभ और सही विधि

शास्त्रों में मंत्र के बारे में कहा गया है कि मन को तारने वाली ध्वनि ही मंत्र है जैसे – श्री, ॐ आदि शब्द होते हुए भी मंत्र है। ये बीज मंत्र है जो अपने अन्दर बहुत कुछ समेटे हुए है।

वास्तु शास्त्र (Vastu Shastra) के वैज्ञानिक रहस्य और मानव जीवन पर प्रभाव

वास्तु शास्त्र (Vastu Shastra) : अद्भुत विज्ञान और रहस्य

वास्तु शास्त्र एक प्राचीन विज्ञान है। यह विद्या भारत की प्राचीन विद्याओं में से एक है। वास्तु शास्त्र अथर्ववेद का अंग है। इसमें किसी निर्माण की या सरंचना की नकारात्मक ऊर्जा को सकारात्मक किया जाता हैं।

Shardiya (Aashvin) Navaratri 2023: घट स्थापना, दुर्गाष्टमी, विजिया दशमी का शुभ मुहूर्त

Shardiya (Aashwin) Navratri 2023 Shubh Muhurt

दुर्गा सप्तशती के अनुसार जो मनुष्य नवरात्रि व्रत की उपासना करता है उसे यश एवं विद्या की प्राप्ति के साथ साथ उत्तम सन्तान एवं ऐश्वर्य प्राप्त करता है। वह सर्वत्र पूजनीय होता है और शत्रुओं पर विजय प्राप्त करता है।

गुरू पूर्णिमा 2024: गुरु की कृपा से जीवन में सफलता निश्चित

गुरू पूर्णिमा का महत्त्व

सनातन संस्कृति में गुरु पूर्णिमा का विशेष महत्व है। इस पूर्णिमा पर भगवान शिव ने दक्षिणामूर्ति का रूप धारण कर ब्रह्माजी के चार मानस पुत्रों को वेदों का ज्ञान प्रदान किया। इसी दिन महाभारत के रचयिता महर्षि वेदव्यास जी का जन्म हुआ।