Aaditya Hridaya Stotra: आदित्यहृदय स्तोत्र से सूर्य के समान तेज और यश की प्राप्ति

Aaditya Hridaya Stotra

Aaditya Hridaya Stotra : सूर्य से पूरी सृष्टि को ऊर्जा और प्रकाश प्राप्त होता है। शास्त्रों के अनुसार सनातन धर्म में सूर्य को देवता के रूप में पूजा जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सूर्य सभी ग्रहों का राजा है। सूर्य को ज्योतिष शास्त्र में पिता, पुत्र, प्रसिद्धि, यश, तेज, आरोग्य, आत्मविश्वास और इच्छाशक्ति का कारक माना जाता है। शास्त्रों के अनुसार जो व्यक्ति सूर्य की नियमित आराधना करता है, उसे सूर्य के समान तेज, यश और समृद्धि की प्राप्ति होती है।

Surya Namaskar: सूर्य नमस्कार से आरोग्य और आध्यात्म की प्राप्ति

Surya Namaskar

Surya Namaskar: सूर्य नमस्कार का शाब्दिक अर्थ सूर्य को नमस्कार या अर्पण करना होता है। सूर्य नमस्कार से संपूर्ण शरीर को आरोग्य , शक्ति और ऊर्जा की प्राप्ति होती है। सूर्य नमस्कार से शरीर की समस्त आंतरिक ग्रंथियों के Harmons (अंतः स्त्राव) की प्रक्रिया का नियमन होता है। सूर्य नमस्कार एक सर्वोत्तम Cardio Vascular व्यायाम भी है।

हलाल प्रॉडक्ट : कहीं जानें-अनजानें में आप तो नहीं खा रहें है हलाल प्रॉडक्ट !

हलाल प्रॉडक्ट

हलाल प्रॉडक्ट : अब वो दवाईयों से लेकर सौंदर्य उत्पाद जैसे शैम्पू, और लिपस्टिक,अस्पतालों से लेकर फाइव स्टार होटल तक , रियल एस्टेट से लेकर हलाल टूरिज्म और तो और हलाल डेटिंग, यहाँ तक की शाकाहारी प्रॉडक्ट बेसन, आटा, मैदा जैसे शाकाहारी उत्पादों तक के हलाल सर्टिफिकेशन पर पहुँच गई है। हद तो तब हो गई जब आयुर्वेदिक औषधियों तक के लिए भी हलाल सर्टिफिकेट !

हरियाली तीज : मनचाहे वर और अखंड सौभाग्य की प्राप्ति

हरियाली तीज

हरियाली तीज : प्रति वर्ष श्रावण माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरियाली तीज का पर्व मनाया जाता है। इस व्रत को विवाहित महिलाएं और कुंवारी लड़कियां, दोनों करती हैं। शास्त्रों के अनुसार, हरियाली तीज व्रत को करने से विवाहित महिलाओं का जीवन खुशियों से भर जाता है और पति को लंबी आयु का आशीर्वाद प्राप्त होता है। वहीं, कुंवारी लड़कियों की शीघ्र शादी के योग बनते हैं।

Amavasya : अमावस्या भी खास है सनातन में साधना के लिए

Amavasya : अमावस्या भी खास है सनातन धर्म में

अमावस्या का दिन हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है। इसे “अमावस” भी कहा जाता है इस दिन विशेष पूजा और अनुष्ठान करने से पितरों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की जाती है अमावस्या का दिन ध्यान, साधना और पितरों की आत्मा की शांति के लिए समर्पित होता है। इस दिन की गई पूजा और अनुष्ठान से व्यक्ति को पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है।

हरियाली अमावस्या 2024 : धार्मिक महत्त्व

हरियाली अमावस्या

सनातन धर्म में हरियाली अमावस्या का बहुत महत्व है। हरियाली अमावस्या श्रावण माह के कृष्ण पक्ष में आती है। हरियाली अमावस्या का मुख्य उद्देश्य भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करना है, हरियाली अमावस्या को विशेष रूप से नवग्रह को अनुकूल करने के महत्व के लिए जाना जाता है। हरियाली अमावस्या का धार्मिक महत्व अनेक पुराणों और शास्त्रों में वर्णित है। यह दिन भगवान शिव और माता पार्वती की आराधना का श्रेष्ठ समय माना जाता है।

Yoga : योग से स्वस्थ जीवन और परमात्मा की प्राप्ति

Yoga

योग Yoga – योग एक अध्यात्मिक प्रक्रिया है जिसमें शरीर और आत्मा (ध्यान ) को एकरूप करना ही योग है। एक पूर्ण जीवन शैली है। यह एक पूर्ण विज्ञान एवं अध्यात्म – विद्या हैं। योग व्यक्ति के निर्माण और उत्थान में ही नहीं , बल्कि परिवार , समाज , राष्ट्र और विश्व के चहुंमुखी विकास में भी यह उपयोगी सिद्ध हुआ है। वर्तमान में मानव समाज जिस तनाव , अशांति , अभाव एवं अज्ञान का शिकार है उसका समाधान केवल योग ही है। योग Yoga का हमारे वेदों , पुराणों , उपनिषदों एवम् गीता में अनादि काल से उपयोग होता रहा है।

माँ बगुलामुखी: शत्रुनाश के लिए ब्रह्मास्त्र है बगुलामुखी की साधना

माँ बगुलामुखी: शत्रुनाश के लिए ब्रह्मास्त्र है

माँ बगुलामुखी: पिताम्बरा के नाम विख्यात बगलामुखी की साधना प्रायः शत्रुनाश और वाणी की सिद्धि के लिये की जाती है। माता बगलामुखी दस महाविद्याओं में आठवीं महाविद्या हैं। इन्हें माता पीताम्बरा भी कहते हैं। यह भगवती पार्वती का उग्र स्वरूप है। ये भोग और मोक्ष दोनों प्रदान करने वाली देवी है। शत्रुनाश, वाकसिद्धि, वाद विवाद में विजय के लिए इनकी उपासना की जाती है। शत्रुनाश के लिए ब्रह्मास्त्र है बगुलामुखी की साधना।

गुप्त नवरात्रि : दस महाविद्याओं की साधना से सिद्धियों की प्राप्ति

गुप्त नवरात्रि : दस महाविद्याओं की साधना से सिद्धियों की प्राप्ति

प्रतिवर्ष चार नवरात्रि होती है, दो नवरात्रि – चैत्र और आश्विन माह के शुक्ल पक्ष में होती है और दो नवरात्रि आषाढ़ और माघ महीने की शुक्ल पक्ष में होती है। आषाढ़ और माघ माह की प्रतिपदा में पड़ने वाली नवरात्रि को गुप्त नवरात्रि कहा जाता है। गुप्त नवरात्रि एक विशेष नवरात्रि होती है जिसमें विशेष साधना और पूजा की जाती है। यह मुख्य रूप से तंत्र साधना से जुड़ी होती है। गुप्त नवरात्री में दस महाविद्याओं की पूजा की जाती है।

भारत में हिंदू मंदिरों पर ही सरकारी नियंत्रण असंवैधानिक एवं अन्यायपूर्ण

भारत में हिंदू मंदिरों पर ही सरकारी नियंत्रण

भारत में हिंदू मंदिर और उनकी संपत्ति और संपदा सरकार द्वारा नियंत्रित हैं। यह मुख्य रूप से उन प्रमुख/प्रसिद्ध हिंदू मंदिरों पर लागू होता है, जिनमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं और/या जो प्रसिद्ध तीर्थस्थल हैं और इस प्रकार हिंदू भक्तों के दान के माध्यम से बहुत अधिक धन अर्जित करते हैं। यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि किसी अन्य धर्म के धार्मिक स्थल/स्थल सरकार द्वारा नियंत्रित नहीं होते हैं। भारत में हिंदू मंदिरों पर ही सरकारी नियंत्रण है, यह पक्षपातपूर्ण कठोर प्रथा केवल हिंदू मंदिरों पर लागू होती है, किसी अन्य धर्म के धार्मिक स्थलों पर नहीं।