Somvati Amavasya 2024 : सोमवती अमावस्या पर दुर्लभ संयोग में सुख, सौभाग्य में वृद्धि एवं पितृदोष के लिए भगवान शिव का करे अभिषेक

Somvati Amavasya 2024 : सोमवती अमावस्या

Somvati Amavasya 2024: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सोमवती अमावस्या पर कई मंगलकारी शुभ योग बन रहे हैं। इन योग में भगवान शिव की पूजा करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होगी। सोमवती अमावस्या पर दुर्लभ ध्रुव एवं वृद्धि योग का निर्माण हो रहा है। इसके साथ ही शिववास योग का भी संयोग बन रहा है। सोमवती अमावस्या तिथि पर पितरों का तर्पण करने से पूर्वजों को मोक्ष की प्राप्ति होती है। वहीं, सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है।

Makar Sankranti: मकर सक्रांति का पौराणिक एवं वैज्ञानिक महत्व

Makar Sankranti: मकर सक्रांति

Makar Sankranti: मकर सक्रांति के दिन सूर्य देव धनु राशि को छोड़ कर मकर राशि में प्रवेश करते है। वर्ष में छः माह सूर्य उत्तरायण और छः माह सूर्य दक्षिणायन होता हैं। अतः इस पर्व को उत्तरायण भी कहते हैं। उत्तर भारत में इसे लोहिडी ,पतंगोंत्सव एवं खिचड़ी पर्व भी कहा जाता हैं। दक्षिण में इस त्यौहार को पोंगल के रूप में मनाया जाता हैं। भारत के मध्य में इसे मकर सक्रांति या उत्तरायण भी कहा जाता हैं।

श्राद्ध पक्ष : कैसे करें पूर्वजों को तृप्त और पितृ दोष से पाएं मुक्ति

श्राद्ध पक्ष

सनातन धर्म में पितरों को विशेष महत्व दिया गया है। शास्त्रों के अनुसार बिना पितरों की कृपा के व्यक्ति का उद्धार संभव नहीं है। पितरों को प्रसन्न करने और उनकी आत्मा की शांति के लिए पितृ पक्ष में उनके श्राद्ध व तर्पण करने की परंपरा है। 16 दिन तक चलने वाले श्राद्ध पक्ष का समापन पितृ अमावस्या के दिन किया जाता है।

Ganesh Chaturthi 2024 : गणेश चतुर्थी पर इन उपायों से दूर होंगी सभी विघ्न-बाधाएं

Ganesh Chaturthi

Ganesh Chaturthi : सनातन संस्कृति में प्रतिवर्ष भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को गणेश चतुर्थी का पावन पर्व मनाया जाता हैं। हमारे शास्त्रों के अनुसार इसी दिन रिद्धि सिद्धि के दाता, विध्नहर्ता भगवान श्री गणेश जी का जन्म हुआ था। प्रत्येक शुभ और मांगलिक कार्यों में सर्वप्रथम गणेश जी को पूजा जाता हैं। गणेश जी को प्रथम पूज्य देव कहा गया है। श्री गणेश जी सुख समृद्धि दाता भी है। इनकी कृपा से परिवार पर आने वाले संकट और विध्न दूर हो जाते हैं। 

हलाल प्रॉडक्ट : कहीं जानें-अनजानें में आप तो नहीं खा रहें है हलाल प्रॉडक्ट !

हलाल प्रॉडक्ट

हलाल प्रॉडक्ट : अब वो दवाईयों से लेकर सौंदर्य उत्पाद जैसे शैम्पू, और लिपस्टिक,अस्पतालों से लेकर फाइव स्टार होटल तक , रियल एस्टेट से लेकर हलाल टूरिज्म और तो और हलाल डेटिंग, यहाँ तक की शाकाहारी प्रॉडक्ट बेसन, आटा, मैदा जैसे शाकाहारी उत्पादों तक के हलाल सर्टिफिकेशन पर पहुँच गई है। हद तो तब हो गई जब आयुर्वेदिक औषधियों तक के लिए भी हलाल सर्टिफिकेट !

हरियाली तीज : मनचाहे वर और अखंड सौभाग्य की प्राप्ति

हरियाली तीज

हरियाली तीज : प्रति वर्ष श्रावण माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरियाली तीज का पर्व मनाया जाता है। इस व्रत को विवाहित महिलाएं और कुंवारी लड़कियां, दोनों करती हैं। शास्त्रों के अनुसार, हरियाली तीज व्रत को करने से विवाहित महिलाओं का जीवन खुशियों से भर जाता है और पति को लंबी आयु का आशीर्वाद प्राप्त होता है। वहीं, कुंवारी लड़कियों की शीघ्र शादी के योग बनते हैं।

Amavasya : अमावस्या भी खास है सनातन में साधना के लिए

Amavasya : अमावस्या भी खास है सनातन धर्म में

अमावस्या का दिन हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है। इसे “अमावस” भी कहा जाता है इस दिन विशेष पूजा और अनुष्ठान करने से पितरों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की जाती है अमावस्या का दिन ध्यान, साधना और पितरों की आत्मा की शांति के लिए समर्पित होता है। इस दिन की गई पूजा और अनुष्ठान से व्यक्ति को पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है।

हरियाली अमावस्या 2024 : धार्मिक महत्त्व

हरियाली अमावस्या

सनातन धर्म में हरियाली अमावस्या का बहुत महत्व है। हरियाली अमावस्या श्रावण माह के कृष्ण पक्ष में आती है। हरियाली अमावस्या का मुख्य उद्देश्य भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करना है, हरियाली अमावस्या को विशेष रूप से नवग्रह को अनुकूल करने के महत्व के लिए जाना जाता है। हरियाली अमावस्या का धार्मिक महत्व अनेक पुराणों और शास्त्रों में वर्णित है। यह दिन भगवान शिव और माता पार्वती की आराधना का श्रेष्ठ समय माना जाता है।

भारत में हिंदू मंदिरों पर ही सरकारी नियंत्रण असंवैधानिक एवं अन्यायपूर्ण

भारत में हिंदू मंदिरों पर ही सरकारी नियंत्रण

भारत में हिंदू मंदिर और उनकी संपत्ति और संपदा सरकार द्वारा नियंत्रित हैं। यह मुख्य रूप से उन प्रमुख/प्रसिद्ध हिंदू मंदिरों पर लागू होता है, जिनमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं और/या जो प्रसिद्ध तीर्थस्थल हैं और इस प्रकार हिंदू भक्तों के दान के माध्यम से बहुत अधिक धन अर्जित करते हैं। यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि किसी अन्य धर्म के धार्मिक स्थल/स्थल सरकार द्वारा नियंत्रित नहीं होते हैं। भारत में हिंदू मंदिरों पर ही सरकारी नियंत्रण है, यह पक्षपातपूर्ण कठोर प्रथा केवल हिंदू मंदिरों पर लागू होती है, किसी अन्य धर्म के धार्मिक स्थलों पर नहीं।

Rameshwaram Jyotirling : प्रभु श्री राम द्वारा स्थापित चमत्कारिक रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग

Rameshwaram Jyotirling

Rameshwaram Jyotirling : शिव पुराण और स्कन्द पुराण के अनुसार यहाँ स्थापित रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग की स्थापना स्वयं प्रभु श्री राम ( Shri Ram ) ने की थी। रावण से युद्ध के लिए लंका की चढ़ाई करने से पूर्व भगवान राम ने इस स्थान पर प्रभु श्री राम ने समुद्र की बालू से शिवलिंग बनाकर भगवान शिव की पूजा-अर्चना की थी। रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग भारत के प्रमुख चार धामों में से एक दक्षिण का धाम है। रामेश्वरम में स्थापित शिवलिंग की गिनती द्वादश ज्योतिर्लिंगों में होती है। जिस प्रकार भारत के उत्तरी भाग में काशी का महत्व है उतना ही महत्व भारत के दक्षिण में रामेश्वरम है। सनातन के इस आर्टिकल में जानें द्वादश ज्योतिर्लिंगों में शामिल इस 11वें रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग की महिमा के बारे में –