होली पर करें ये विशेष उपाय, दूर होंगे सभी संकट

होली पर करें ये विशेष उपाय, दूर होंगे सभी संकट

होली का त्यौहार रंगों, खुशियों और उत्साह का ही पर्व नहीं है, बल्कि यह एक शक्तिशाली आध्यात्मिक अवसर भी है, जब सकारात्मक ऊर्जा अपने चरम पर होती है और नकारात्मकता को दूर करने का श्रेष्ठ समय होता है। यदि आप जीवन में आर्थिक, पारिवारिक, स्वास्थ्य या किसी अन्य प्रकार के संकटों से जूझ रहे हैं, तो आइए, जानते हैं कि होली के अवसर पर किन उपायों को अपनाकर आप अपने जीवन में सुख, समृद्धि और शांति भी प्राप्त कर सकते हैं

Holi 2025: कब मनाया जाएगा होली का पर्व, जानिए डेट और शुभ मुहूर्त

Holi 2025: कब मनाया जाएगा होली का पर्व, जानिए डेट और शुभ मुहूर्त

Holi: होली का त्योहार फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है, होली आध्यात्मिक रूप से अधर्म पर धर्म, असत्य पर सत्य और नकारात्मकता पर सकारात्मकता की विजय का प्रतीक है। यह अहंकार (होलिका) के दहन और भक्ति (प्रह्लाद) की रक्षा का संदेश देती है। रंगों का पर्व जीवन में प्रेम, आनंद और एकता का संचार करता है, जो आत्मा की उच्च चेतना और दिव्यता को दर्शाता है

महाशिवरात्रि का रहस्य: क्यों इस दिन शिव की पूजा है विशेष ?

महाशिवरात्रि का रहस्य: क्यों इस दिन शिव की पूजा है विशेष ?

महाशिवरात्रि आत्मचिंतन, भक्ति और आध्यात्मिक जागरण की रात है। यह शिव-शक्ति के दिव्य मिलन का पर्व है, शिव तत्त्व अनंत, अचल, निर्विकार चेतना का प्रतीक है, और यह रात्रि आत्मसमर्पण द्वारा उस चैतन्य से एकत्व स्थापित करने का अवसर देती है। यह केवल एक पर्व नहीं, बल्कि एक दिव्य संयोग है, जिसमें शिव-तत्त्व की ऊर्जा संपूर्ण ब्रह्मांड में प्रकट होती है।

महाशिवरात्रि 2025: भगवान शिव को प्रसन्न करने के 10 सरल उपाय

महाशिवरात्रि 2025: भगवान शिव को प्रसन्न करने के 10 सरल उपाय

महाशिवरात्रि, भगवान शिव का सबसे पवित्र पर्व ही नहीं, बल्कि आत्मा के शिवत्व से मिलन की एक दिव्य रात्रि है। यह दिन भक्तों के लिए आध्यात्मिक ऊर्जा और भक्ति से भरपूर होता है। शिवरात्रि की रात्रि केवल बाह्य रूप से जागरण की नहीं, बल्कि आंतरिक रूप से आत्मजागरण की रात्रि है। यह वह समय है जब हम अपने भीतर बसे शिवतत्त्व को पहचानकर, अपनी चित्तवृत्तियों को शांत कर सकते हैं

Sharad Purnima Kheer: शरद पूर्णिमा की खीर का वैज्ञानिक और पौराणिक महत्व

Sharad Purnima Kheer

Sharad Purnima Kheer: शरद पूर्णिमा अश्विन माह की पूर्णिमा को मनाई जाती है। यह दिन न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से बल्कि सांस्कृतिक, वैज्ञानिक और पौराणिक दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। खासतौर पर, शरद पूर्णिमा की रात को खीर बनाने और चांदनी में रखने की परंपरा सदियों से प्रचलित है। आइए जानते हैं कि इस परंपरा का क्या पौराणिक और वैज्ञानिक महत्व है।

Purnima: पूर्णिमा का आध्यात्मिक एवं वैज्ञानिक रहस्य और इसका अद्भुत महत्व

Purnima: पूर्णिमा का आध्यात्मिक एवं वैज्ञानिक रहस्य

Purnima: पूर्णिमा, या पूर्णिमा का दिन, चंद्र मास की सबसे चमकदार रात होती है। “पूर्णिमा” शब्द संस्कृत के शब्दों “पूर्णोन्नम् (पूर्ण) जिसका अर्थ है पूरा या पूर्ण और “चंद्रमा (चंद्र) जिसका अर्थ है चंद्रमा से उत्पन्न हुआ है। इस दिन, चंद्रमा अपनी पूरी चमक में चमकता है, जो पूर्णता, ज्ञान और समृद्धि का प्रतीक है। पूर्णिमा, चंद्रमास की सबसे चमकदार रात होती है।

Basant Panchami 2025: बसंत पंचमी विद्या और ज्ञान की देवी मां सरस्वती एवं ऋतुराज बसंत का उत्सव

Basant Panchami 2025

Basant Panchami 2025: यह शुभ दिन विद्या और ज्ञान की देवी मां सरस्वती को समर्पित है। प्रतिवर्ष माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन मां सरस्वती की पूजा-आराधना की जाती है। देवी भागवत के अनुसार बसंत पंचमी के दिन माता सरस्वती की पूजा करने से बुद्धि और विवेक का आशीर्वाद प्राप्त होता है। इसे बसंत ऋतु के आगमन का प्रतीक भी माना जाता है।

Somvati Amavasya 2024 : सोमवती अमावस्या पर दुर्लभ संयोग में सुख, सौभाग्य में वृद्धि एवं पितृदोष के लिए भगवान शिव का करे अभिषेक

Somvati Amavasya 2024 : सोमवती अमावस्या

Somvati Amavasya 2024: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सोमवती अमावस्या पर कई मंगलकारी शुभ योग बन रहे हैं। इन योग में भगवान शिव की पूजा करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होगी। सोमवती अमावस्या पर दुर्लभ ध्रुव एवं वृद्धि योग का निर्माण हो रहा है। इसके साथ ही शिववास योग का भी संयोग बन रहा है। सोमवती अमावस्या तिथि पर पितरों का तर्पण करने से पूर्वजों को मोक्ष की प्राप्ति होती है। वहीं, सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है।

Makar Sankranti: मकर सक्रांति का पौराणिक एवं वैज्ञानिक महत्व

Makar Sankranti: मकर सक्रांति

Makar Sankranti: मकर सक्रांति के दिन सूर्य देव धनु राशि को छोड़ कर मकर राशि में प्रवेश करते है। वर्ष में छः माह सूर्य उत्तरायण और छः माह सूर्य दक्षिणायन होता हैं। अतः इस पर्व को उत्तरायण भी कहते हैं। उत्तर भारत में इसे लोहिडी ,पतंगोंत्सव एवं खिचड़ी पर्व भी कहा जाता हैं। दक्षिण में इस त्यौहार को पोंगल के रूप में मनाया जाता हैं। भारत के मध्य में इसे मकर सक्रांति या उत्तरायण भी कहा जाता हैं।

Ganesh Chaturthi 2024 : गणेश चतुर्थी पर इन उपायों से दूर होंगी सभी विघ्न-बाधाएं

Ganesh Chaturthi

Ganesh Chaturthi : सनातन संस्कृति में प्रतिवर्ष भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को गणेश चतुर्थी का पावन पर्व मनाया जाता हैं। हमारे शास्त्रों के अनुसार इसी दिन रिद्धि सिद्धि के दाता, विध्नहर्ता भगवान श्री गणेश जी का जन्म हुआ था। प्रत्येक शुभ और मांगलिक कार्यों में सर्वप्रथम गणेश जी को पूजा जाता हैं। गणेश जी को प्रथम पूज्य देव कहा गया है। श्री गणेश जी सुख समृद्धि दाता भी है। इनकी कृपा से परिवार पर आने वाले संकट और विध्न दूर हो जाते हैं।